गुलशन की फ़क़त फूलों से नहीं काटों से भी जीनत होती हैं,
जीने के लिए इस दुनिया में गम की भी ज़र्रूरत होती हैं
ऐ दिल ऐ नादाँ कहता हैं, ये अश्क नहीं है मेरा दिल हैं,
जो अश्क न छलके आंखों से उस अश्क की कीमत होती हैं/
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1 टिप्पणियाँ:
bhut acchi rachna
maan ko chu gai
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